तुझसा दयालु नहीं प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे।।
श्रुति कहे जगत पिता है तू ही प्यारे,
बन्यो यशोमति सूत प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे,
तुझसा दयालु नही प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे।।
अंगूठा छाप सखन को प्यारे,
बन गयो घोड़ा प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे,
तुझसा दयालु नही प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे।।
गोपिन ने तू छाछ पर प्यारे,
नाचे थई थई प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे,
तुझसा दयालु नही प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे।।
तुम कृपालु प्रेमिन वश प्यारे,
अब हूँ जान्यो प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे,
तुझसा दयालु नही प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे।।
तुझसा दयालु नहीं प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे।।
स्वर – अनुराधा जी पौडवाल।