हौले हौले दुनिया से मैं,
दूर जा रहा हूँ,
तुझसे मिलने दादा मैं,
नाकोड़ा आ रहा हूँ।।
स्वर्ग से सुन्दर,
दादा दर तेरा है,
आकर मुझे चैन,
मिलता यहां है,
देखु तुझे तो,
देखता ही जाऊं,
चांद से भी प्यारा दादा,
चेहरा तेरा है,
जो भी मैने चाहा था,
सब कुछ मैं पा रहा हूँ,
तुझ से मिलने दादा मै,
नाकोड़ा आ रहा हूँ।।
नाकोड़ा का दर तो सारे,
जग में न्यारा है,
डमरू वाला भेरू अपने,
भगतो का प्यारा है,
दादा तेरी मूर्त को,
आँखों में बसाऊ,
जब भी आँख खोलू तेरे,
दर्शन मै पाऊ,
पार्श्व भैरव के नाम की माला,
जपते जा रहा हूँ,
तुझ से मिलने दादा मै,
नाकोड़ा आ रहा हूँ।।
‘दीपक’ ओ दादा,
तेरे गुण है गाता,
चरणों में तेरे दादा,
सर को झुकाता है,
इतनी कृपा दादा,
बस तेरी पाऊ,
तेरे दर पे अपनी,
सारी जिंदगी बिताऊ,
तेरे नाम की महिमा गाके,
भव से पार जा रहा हूँ,
तुझ से मिलने दादा मै,
नाकोड़ा आ रहा हूँ।।
हौले हौले दुनिया से मैं,
दूर जा रहा हूँ,
तुझसे मिलने दादा मैं,
नाकोड़ा आ रहा हूँ।।
गायक – दीपक राव।
9660305741