तुम हमारे थे प्रभु जी,
तुम हमारे हो,
तुम हमारे ही रहोगे,
ओ मेरे प्रियतम,
हम तुम्हारे थे प्रभु जी,
हम तुम्हारे है,
हम तुम्हारे ही रहोगे,
ओ मेरे प्रियतम।।
तुम्हे छोड़ सुन नंद दुलारे,
कोई ना मीत हमारो,
किसके द्वारे जाए पुकारू,
और ना कोई सहारो,
अब तो आ कर बाँह पकड़ लो,
ओ मेरे प्रियतम।
तुम हमारे थे प्रभू जी,
तुम हमारे हो,
तुम हमारे ही रहोगे,
ओ मेरे प्रियतम,
हम तुम्हारे थे प्रभु जी,
हम तुम्हारे है,
हम तुम्हारे ही रहोगे,
ओ मेरे प्रियतम।।
तेरे कारण सब जग छोड़ा,
तुम संग नाता जोड़ा,
एक बार प्रभु बस ये कह दो,
तू मेरा मै तेरा,
साँची प्रीत की रीत निभा दो,
ओ मेरे प्रियतम।
तुम हमारे थे प्रभू जी,
तुम हमारे हो,
तुम हमारे ही रहोगे,
ओ मेरे प्रियतम,
हम तुम्हारे थे प्रभु जी,
हम तुम्हारे है,
हम तुम्हारे ही रहोगे,
ओ मेरे प्रियतम।।
दास की यह विनती सुन लीजो,
ओ ब्रजराज दुलारे,
आखरी आस यही जीवन की,
पूरण करना प्यारे,
एक बार हृदय से लगा लो,
ओ मेरे प्रियतम।
तुम हमारे थे प्रभू जी,
तुम हमारे हो,
तुम हमारे ही रहोगे,
ओ मेरे प्रियतम,
हम तुम्हारे थे प्रभु जी,
हम तुम्हारे है,
हम तुम्हारे ही रहोगे,
ओ मेरे प्रियतम।।
तुम हमारे थे प्रभु जी,
तुम हमारे हो,
तुम हमारे ही रहोगे,
ओ मेरे प्रियतम,
हम तुम्हारे थे प्रभु जी,
हम तुम्हारे है,
हम तुम्हारे ही रहोगे,
ओ मेरे प्रियतम।।
– साभार –
। श्री प्रमोद सोनी ।
Man mohak
bahut sunder likha aur gaya