तुम जाणो हमरे संग बीती,
सवैया – मजबूत पणो रखणो मन में,
दिल को दुख दरियाव दरसावणो नहीं,
चलणो रीत भडेरो की,
बिन स्वार्थ बेर बसावणो नहीं।
उपकार भलाई तो हो ना हो,
हरि से हेत हटावणों नहीं,
चिमनेश कहे हँस रहवणो सदा,
मर जावणो हैं फिर आवणो नहीं।
जांको राखे साँहिया मार सके ना कोय,
बाल न बांका कर सके,
जे सब जग बेरी होय।
जो कुछ लिखी लिलाड़ में,
मेट सके ना कोय,
कोटि यत्न करते फिरो,
अनहोनी ना होय।
एक एक बार सब संग बीती,
तुम जाणो हमरे संग बीती,
तुम जाणों हमरे संग बीती।।
राजा हरिश्चन्द्र राणी तारादे,
पुत्र वियोग उनी के संग बीती,
एक एक बार सब संग बीती,
तुम जाणों हमरे संग बीती।।
राम और लक्ष्मण वन को सिधाए,
सीता हरण उनके संग बीती,
एक एक बार सब संग बीती,
तुम जाणों हमरे संग बीती।।
पाँचू पांडू छटी द्रौपदी,
चीर हरण उनके संग बीती,
एक एक बार सब संग बीती,
तुम जाणों हमरे संग बीती।।
सूर्य चन्द्रमा रहते गगन में,
ग्रहण लाग्यो उनके संग बीती,
एक एक बार सब संग बीती,
तुम जाणों हमरे संग बीती।।
सूर सूर कहे प्रभु अद्भुत माया,
नैण गये हमरे संग बीती
एक एक बार सब संग बीती,
तुम जाणों हमरे संग बीती।।
एक एक बार सब संग बीती,
तुम जाणों हमरे संग बीती,
तुम जाणों हमरे संग बीती।।
स्वर – सुनीता जी स्वामी।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052