तुम तो संकट मोचन हो हमे क्या ठुकराओगे।
(तर्ज :- तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या)
तुम तो संकट मोचन हो हमे क्या ठुकराओगे।
बाबा अपने भक्तोँ की बिगड़ी बना जाओगे॥
बिगड़ी बना जाओगे, बिगड़ी बना जाओगे॥
तुम तो संकट … बाबा …
श्रीराम की भक्ति तो, बजरंग तुझे भाती है–2
सियाराम की भक्ति मेँ खोये रहते हो,
श्रीराम की मूरत को हृदय मेँ संजोये रहते हो,
जहाँ कीर्तन होता है राम नाम का,
वहाँ वास रहता है श्री हनुमान का,
श्रीराम की भक्ति तो, बजरंग तुझे भाती है–2
नाच–नाच करके श्रीराम को रिझाओगे॥१॥
तुम तो संकट … बाबा …
हम सालासर मेँ आके, शीश दर पे झुकाते हैँ–2
तेरे चरणोँ मेँ बाबा सर को झुकाये बैठे हैँ हम,
दुनिया के गमोँ से घबराये बैठे हैँ हम,
अपनी दया दृष्टि करदो हमपे भी बालाजी,
दर्शन की तेरे मन मेँ आशा लगाये बैठे हैँ हम।
हम मेँहदीपुर मेँ आके, शीश दर पे झुकाते हैँ–2
अपनी दयालु नजरेँ हमपे कब गिराओगे॥२॥
तुम तो संकट … बाबा …
तेरी जै जैकार से तो, हर काम बनते हैँ–2
हर पल, हर वक्त तुझे ही पुकारेँ बाबा,
जगाकर ज्योति भक्ति की राह तेरी निहारेँ बाबा,
किस्मत खुल जाती है नाम तेरा गाने से,
खाली हाथ गया न कोई आके तेरे द्वारे बाबा।
तेरी जै जैकार से तो, हर काम बनते हैँ–2
सोया नसीब ‘खेदड़’ का कब जगाओगे॥३॥
तुम तो संकट … बाबा …
तुम तो संकट मोचन हो हमेँ क्या ठुकराओगे।
बाबा अपने भक्तोँ की बिगड़ी बना जाओगे॥
बिगड़ी बना जाओगे, बिगड़ी बना जाओगे॥
तुम तो संकट … बाबा …