तुम्हारी शरण मिल गई सांवरे,
तुम्हारी कसम ज़िंदगी मिल गयी,
हमें देखने वाला कोई ना था,
तुम जो मिले बंदगी मिल गयी,
तुम्हारी शरण मिल गई सांवरे,
तुम्हारी कसम ज़िंदगी मिल गयी।।
तर्ज – तुम्हारी नजर क्यों खफा हो गई।
बचाते ना तुम डूब जाते कन्हैया,
कैसे लगाते किनारे पे नैया,
गमे ज़िंदगी से परेशान थे,
रोते लबो को हँसी मिल गयी,
तुम्हारी शरण मिल गई साँवरे,
तुम्हारी कसम ज़िंदगी मिल गयी।।
समझ के अकेला सताती ये दुनिया,
सितम पे सितम हमपे ढाती ये दुनिया,
बनीमत है ये तुम मेरे साथ हो,
मुझे आपकी दोस्ती मिल गयी,
तुम्हारी शरण मिल गई साँवरे,
तुम्हारी कसम ज़िंदगी मिल गयी।।
मुझे श्याम तुम पे भरोसा बहुत है,
तुमने हमें पाला पोसा बहुत है,
आँखो का मेरी उजाला हो तुम,
अंधकार को रोशनी मिल गयी,
तुम्हारी शरण मिल गई साँवरे,
तुम्हारी कसम ज़िंदगी मिल गयी।।
मुझे सांवरे इतना काबिल बना दो,
प्रेम की ज्योति हृदय में जगा दो,
उंगली उठा के कोई ना कहे,
‘संजू’ के दिल में कमी मिल गयी,
तुम्हारी शरण मिल गई साँवरे,
तुम्हारी कसम ज़िंदगी मिल गयी।।
तुम्हारी शरण मिल गई सांवरे,
तुम्हारी कसम ज़िंदगी मिल गयी,
हमें देखने वाला कोई ना था,
तुम जो मिले बंदगी मिल गयी,
तुम्हारी शरण मिल गई सांवरे,
तुम्हारी कसम ज़िंदगी मिल गयी।।
Singer : Sanju Sharma
Bahut achcha