तुम्हे अपने बाबा पे भरोसा जो होता,
तू हर दम ना रोता तू हर दम ना रोता,
एहसास उनकी कृपा का जो होता,
तू हर दम ना रोता तू हर दम ना रोता।।
तर्ज – अगर तुम ना होते।
सबकुछ मिला है फिर भी है शिकायत,
अच्छी नहीं है प्यारे तेरी ये आदत,
दुखियों का दुःख तूने देखा जो होता,
दुखियों का दुःख तूने देखा जो होता,
तू हर दम ना रोता तू हर दम ना रोता।।
माया के घेरों ने ऐसा कैसा है,
अभी तक तू लोभ के भंवर में फसा है.
भक्ति से जीवन अपना संवारा जो होता,
भक्ति से जीवन अपना संवारा जो होता,
तू हर दम ना रोता तू हर दम ना रोता।।
औकात से ज़्यादा पाया है तूने,
उसकी दातारि को भुलाया है तूने,
खुद में अपने ज्ञान को उतारा जो होता,
खुद में अपने ज्ञान को उतारा जो होता,
तू हर दम ना रोता तू हर दम ना रोता।।
भक्ति को अपनी तूने दिखावा बनाया,
जो कुछ कमाया ‘रोमी’ सारा गंवाया,
खज़ाना ये भक्ति का संभाला जो होता,
खज़ाना ये भक्ति का संभाला जो होता,
तू हर दम ना रोता तू हर दम ना रोता।।
तुम्हे अपने बाबा पे भरोसा जो होता,
तू हर दम ना रोता तू हर दम ना रोता,
एहसास उनकी कृपा का जो होता,
तू हर दम ना रोता तू हर दम ना रोता।।
Singer – Sanjay Pareek Ji
Lyricist – Sardar Romi Ji