तुम्हे झूले में झुलाऊँगा,
सावन को आने दो,
सावन को आने दो,
सावन को आने दो।।
तर्ज – सावन को आने दो।
अम्बुआ की हरी भरी डारी,
डारी पे झूला डलाऊँ,
झूले में तुमको बिठा के,
धीरे धीरे झूला झुलाऊँ,
पेंगे लगाऊंगा,
कजरी सुनाऊंगा,
झूमूँगा गाऊंगा,
सावन को आने दो,
सावन को आने दो,
तुम्हे झूले में झुलाउंगा,
सावन को आने दो।।
सुख दुःख के झूले में झूले,
परिवार मेरा ये सारा,
ऐसे में कैसे सजाऊँ,
झूला ओ मैया तुम्हारा,
जब चैन पाउँगा,
नहीं देर लगाऊंगा,
मैं दौड़ के आऊंगा,
सावन को आने दो,
सावन को आने दो,
तुम्हे झूले में झुलाउंगा,
सावन को आने दो।।
झूला झुलाऊँगा तुमको,
पर ये शर्त है हमारी,
मैं तुमको भजन सुनाऊँ,
पायल बजे जब तुम्हारी,
फूलो से सजाऊंगा,
‘बेधड़क’ रिझाऊंगा,
दरबार में आऊंगा,
सावन को आने दो,
सावन को आने दो,
तुम्हे झूले में झुलाउंगा,
सावन को आने दो।।
तुम्हे झूले में झुलाऊँगा,
सावन को आने दो,
सावन को आने दो,
सावन को आने दो।।
Singer – Sheetal Pandey Ji