तुम्हे खाटू नगरी से आना पड़ेगा,
तुम्हे खाटु नगरी से आना पड़ेगा,
भक्तों की बिगड़ी बनाना पड़ेगा,
वचन जो बाबा तूने दिया था,
हारे का साथ निभाना पड़ेगा,
हारे का साथ निभाना पड़ेगा।।
तर्ज – तुम्हे दिल्लगी भूल।
लाखों की तूने बिगड़ी बनाई,
तुझको प्रभु ना मेरी याद आई,
तुझको प्रभु ना मेरी याद आई,
नीले पे चढ़कर आना पड़ेगा,
भक्तों की बिगड़ी बनाना पड़ेगा,
हारे का साथ निभाना पड़ेगा।।
श्याम बिना मेरा कोई ना अपना,
ये दुनिया है एक झूठा सपना,
ये दुनिया है एक झूठा सपना,
चरणों में अपने बिठाना पड़ेगा,
भक्तों की बिगड़ी बनाना पड़ेगा,
हारे का साथ निभाना पड़ेगा।।
‘संजय अमन’ का बस यही कहना,
खाटू नगरी से दूर नहीं रहना,
खाटू नगरी से दूर नहीं रहना,
हर ग्यारस पे बुलाना पड़ेगा,
भक्तों की बिगड़ी बनाना पड़ेगा,
हारे का साथ निभाना पड़ेगा।।
तुम्हे खाटू नगरी से आना पड़ेगा,
तुम्हे खाटु नगरी से आना पड़ेगा,
भक्तों की बिगड़ी बनाना पड़ेगा,
वचन जो बाबा तूने दिया था,
हारे का साथ निभाना पड़ेगा,
हारे का साथ निभाना पड़ेगा।।
Singer – Sanjay Nayak, Aman Singh