तुमने जिसको दिया सहारा,
उसको मिला किनारा है,
क्या कहने उसके जीवन के,
उसके तो पौ बारह है,
तुमने जिसकों दिया सहारा,
उसको मिला किनारा है।।
तर्ज – रो रो कर फरियाद करा हाँ।
तुमने जिससे नज़र बदल ली,
दुनिया उसकी बदल गयी,
तुमने जिसकी बांह छोड़ दी,
नैया उसकी डूब गई,
तुम्हे भूल जो भजे जगत को,
तुम्हे भूल जो भजे जगत को,
उसका कहाँ गुज़ारा है,
तुमने जिसकों दिया सहारा,
उसको मिला किनारा है।।
जो भजता है नाम तुम्हारा,
वो मस्ती में रहता है,
दुनिया उसको कुछ भी समझे,
तू उसको खूब समझता है,
झूठी चमक से दूर रहे जो,
झूठी चमक से दूर रहे जो,
वो तेरा लाढ़ दुलारा है,
तुमने जिसकों दिया सहारा,
उसको मिला किनारा है।।
लेने परीक्षा तेरे भगत की,
ये जग वाले खड़े हुए है,
रकम रखम से उसे सताने,
दुनिया वाले अड़े हुए,
‘नंदू’ बता दे श्याम जगत को,
‘नंदू’ बता दे श्याम जगत को,
तू किसका रखवाला है,
तुमने जिसकों दिया सहारा,
उसको मिला किनारा है।।
तुमने जिसको दिया सहारा,
उसको मिला किनारा है,
क्या कहने उसके जीवन के,
उसके तो पौ बारह है,
तुमने जिसकों दिया सहारा,
उसको मिला किनारा है।।
लेखक – नंदू जी शर्मा।
गायक – मुकेश बागड़ा जी।