तुमसे ही मिली खुशियां,
तुमसे ज़िंदगानी है,
जो कुछ भी मैं हूँ बाबा,
तेरी मेहरबानी है,
तुमसे ही मिली खुशियाँ,
तुमसे ज़िंदगानी है।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा।
सुना मेरा जीवन था,
तू बन के बहार मिला,
मेरी नाव भंवर में थी,
बनके पतवार मिला,
पहले गम के आंसू थे,
अब खुशियों का पानी है,
जो कुछ भी मैं हूँ बाबा,
तेरी मेहरबानी है,
तुमसे ही मिली खुशियाँ,
तुमसे ज़िंदगानी है।।
कल तक जो ना बदला था,
तूने आज बदल डाला,
तूने मेरे जीने का,
अंदाज बदल डाला,
कल तक गम की रातें थी,
अब भोर सुहानी है,
जो कुछ भी मैं हूँ बाबा,
तेरी मेहरबानी है,
तुमसे ही मिली खुशियाँ,
तुमसे ज़िंदगानी है।।
कुछ और नही चाहूँ,
बस तुझमे ध्यान रहें,
तेरे चरणों में हरदम,
मेरा स्थान रहे,
तेरी छाया में जीवन की,
हर सांस बितानी है,
जो कुछ भी मैं हूँ बाबा,
तेरी मेहरबानी है,
तुमसे ही मिली खुशियाँ,
तुमसे ज़िंदगानी है।।
मुझे ऐसी सेवा मिली,
ऐ श्याम तेरे कारण,
मैं रोज ही करता हूँ,
तेरे नाम का उच्चारण,
तेरी किरपा पे बलिहारी,
‘रजनी राजस्थानी’ है,
जो कुछ भी मैं हूँ बाबा,
तेरी मेहरबानी है,
तुमसे ही मिली खुशियाँ,
तुमसे ज़िंदगानी है।।
जीवन का हर सपना,
तुमने साकार किया,
मुझ जैसे निर्गुण को,
तूने कितना प्यार दिया,
तूने लिख दी मोहब्बत से,
‘सोनू’ की कहानी है,
जो कुछ भी मैं हूँ बाबा,
तेरी मेहरबानी है,
तुमसे ही मिली खुशियाँ,
तुमसे ज़िंदगानी है।।
तुमसे ही मिली खुशियां,
तुमसे ज़िंदगानी है,
जो कुछ भी मैं हूँ बाबा,
तेरी मेहरबानी है,
तुमसे ही मिली खुशियाँ,
तुमसे ज़िंदगानी है।।
स्वर – रजनी राजस्थानी।
Tumse hi mili khusiya bhajan