तुमसे मिलने की आस बाकी है,
मेरी आँखों की प्यास बाकी है,
मेरे बांके की बांकी अदाओं की,
मेरे बांके की बांकी अदाओं की,
अब दर्शन की प्यास बाकी है,
तुमसें मिलने की आस बाकी है,
मेरी आँखों की प्यास बाकी है।।
ठंडी हवा का झोंका जब कोई आता है,
ऐसा लगता है मुझे तुमने बुलाया है,
मिल भी जाओ ये सांस बाकी है,
मेरी आँखों की प्यास बाकी है,
तुमसें मिलने की आस बाकी है,
मेरी आँखों की प्यास बाकी है।।
दिल कहता है तू वृन्दावन आएगा,
कदम्ब की छैया में श्याम मिल जाएगा,
यही दिल में लगन मेरे जागी है,
मेरी आँखों की प्यास बाकी है,
तुमसें मिलने की आस बाकी है,
मेरी आँखों की प्यास बाकी है।।
साँसों की माला पे नाम जब आता है,
प्रीतम के नाम वाला नशा चढ़ जाता है,
तू ही दिलबर तू ही मेरा साकी है,
मेरी आँखों की प्यास बाकी है,
तुमसें मिलने की आस बाकी है,
मेरी आँखों की प्यास बाकी है।।
मन बावरे को अब कैसे समझाऊं मैं,
बिन तेरे एक पल नहीं रह पाऊँ मैं,
मेरे दिल में लगन तेरी जागी है,
मेरी आँखों की प्यास बाकी है,
तुमसें मिलने की आस बाकी है,
मेरी आँखों की प्यास बाकी है।।
तुमसे मिलने की आस बाकी है,
मेरी आँखों की प्यास बाकी है,
मेरे बांके की बांकी अदाओं की,
मेरे बांके की बांकी अदाओं की,
अब दर्शन की प्यास बाकी है,
तुमसें मिलने की आस बाकी है,
मेरी आँखों की प्यास बाकी है।।
स्वर – धीरज बावरा जी।