मैं क्या कहूँ ओ सांवरे,
इस बात से ज्यादा,
तूने दिया मुझे मेरी,
औकात से ज्यादा,
मैं क्या कहूँ ओ सांवरे,
इस बात से ज्यादा।।
मेरे श्याम तेरे नाम ने,
तकदीर बना दी,
मेरे हाथ में नहीं थी जो,
वो लकीर बना दी,
बरसीं है तेरी रहमतें,
बरसात से ज्यादा,
तूने दिया मुझें मेरी,
औकात से ज्यादा,
मैं क्या कहूँ ओ सांवरे,
इस बात से ज्यादा।।
तू साथ है तो सांवरे,
डर हार का नहीं,
इस मन में मोह मोहना,
संसार का नहीं,
अब कुछ भी नहीं चाहिए,
तेरे साथ से ज्यादा,
तूने दिया मुझें मेरी,
औकात से ज्यादा,
मैं क्या कहूँ ओ सांवरे,
इस बात से ज्यादा।।
‘संदीप’ दिल में अब कोई,
तृष्णा नहीं रही,
बाकी कोई भी आरज़ू,
कृष्णा नहीं रही,
जो ख़त्म ना हो ऐसी,
मुलाक़ात से ज्यादा,
तूने दिया मुझें मेरी,
औकात से ज्यादा,
मैं क्या कहूँ ओ सांवरे,
इस बात से ज्यादा।।
मैं क्या कहूँ ओ सांवरे,
इस बात से ज्यादा,
तूने दिया मुझे मेरी,
औकात से ज्यादा,
मैं क्या कहूँ ओ सांवरे,
इस बात से ज्यादा।।
Singer – Sandeep Bansal