तूने हीरा सो जन्म गवायो,
भजन बिना बावरा।।
कभी न गयो सतरी संगत में,
कभी न हरी गुण गायो,
पच पच मरीयो बैल की दाई,
सोय रहयो उठ खायो रे,
भजन बिना बावरा,
हीरा सो जन्म गवायो रे,
भजन बिना बावरा।।
यो संसार फुल सोमल रो,
सुआ देख लुभायो,
मारी चोच निकल गई रूई,
शिर धुन धुन पछितायो,
भजन बिना बावरा,
हीरा सो जन्म गवायो रे,
भजन बिना बावरा।।
यो संसार हाट बणीये री,
सब जग सोदे आयो,
चतुर माल चोगुणो किनो,
मुरख मुल गमायो,
भजन बिना बावरा,
हीरा सो जन्म गवायो रे,
भजन बिना बावरा।।
यो संसार माया रो लोभी,
ममता महल चुणायो,
कहत कबीर सुणो भाई संता,
हाथ कछु नही आयो,
भजन बिना बावरा,
हीरा सो जन्म गवायो रे,
भजन बिना बावरा।।
तूने हीरा सो जन्म गवायो,
भजन बिना बावरा।।
गायक – हरि पटेलसर।
प्रेषक – ओमप्रकाश गोदारा,
जाखानिया 9783358872