तूने मुझको अपनाया है,
ये मेरी किस्मत है श्याम,
हारे हुए को गले लगाना,
तेरी तो आदत है श्याम,
तुने मुझको अपनाया है,
ये मेरी किस्मत है श्याम।।
तर्ज – मैं हूँ तेरा नौकर बाबा।
कोई मसीहा, मुझको मिला ना,
पल पल मैं तो रोता रहा,
मैंने अपना फ़र्ज़ निभाया,
धोखा ही बस होता रहा,
हाथ पकड़ के, तुमने संभाला,
ख़ुशी से आंख भिगोता रहा,
तुने मुझको अपनाया है,
ये मेरी किस्मत है श्याम।।
तेरे नाम की, ज्योत साँवरे,
मेरे घर भी जलने लगी,
तेरी सेवा में खुशियां जो,
वो परिवार को मिलने लगी,
तेरी किरपा की, छइया पाकर,
मेरी ग्रहस्ती पलने लगी,
तुने मुझको अपनाया है,
ये मेरी किस्मत है श्याम।।
अब तो रोज ही, तेरी सेवा,
सब से जरुरी लगती है,
‘चोखानी’ संग मेरे घर में,
तेरी महफ़िल सजती है,
जो भी तेरे, शरणागत है,
उसकी नहीं बिगड़ती है,
तुने मुझको अपनाया है,
ये मेरी किस्मत है श्याम।।
तूने मुझको अपनाया है,
ये मेरी किस्मत है श्याम,
हारे हुए को गले लगाना,
तेरी तो आदत है श्याम,
तुने मुझको अपनाया है,
ये मेरी किस्मत है श्याम।।
स्वर – संजय जी सोनी।