तूने ओ कन्हैया कैसा जादू किया,
कान्हा कान्हा बोले,
भक्तों का जिया,
बांसुरी बजा के ये क्या किया,
तुने ओ कन्हैया कैसा जादू किया,
कान्हा कान्हा बोले,
भक्तों का जिया।।
तर्ज – तूने ओ रंगीले कैसा।
ओ मेरे भगवन,
तुम बिन जीवन,
जैसे बिन प्राणो के हो तन,
तेरी माया में,
तेरी छाया में,
करता रहूं मैं तेरा सुमिरण,
तू ही मेरी बाती तू ही दिया,
तुने ओ कन्हैया कैसा जादू किया,
कान्हा कान्हा बोले,
भक्तों का जिया।।
राधा ने नचाया,
मीरा ने बुलाया,
कर्मा का भोग है खाया,
प्रेम के वश में,
रुका ना कन्हैया,
झट से तू दौड़ा चला आया,
अपना बना के सब दे दिया,
तुने ओ कन्हैया कैसा जादू किया,
कान्हा कान्हा बोले,
भक्तों का जिया।।
दास बना के,
चरणों से लगा के,
तूने मुझे जीना सिखाया,
तेरे ही नज़ारे,
देखूँ मैं तो सारे,
तू ही मुझे जग में है भाया,
‘अनिल’ कहें भक्तों पे कर दे दया.
तुने ओ कन्हैया कैसा जादू किया,
कान्हा कान्हा बोले,
भक्तों का जिया।।
तूने ओ कन्हैया कैसा जादू किया,
कान्हा कान्हा बोले,
भक्तों का जिया,
बांसुरी बजा के ये क्या किया,
तुने ओ कन्हैया कैसा जादू किया,
कान्हा कान्हा बोले,
भक्तों का जिया।।
Singer & Lyrics – Anil Sharma