तर्ज – उड़जा काले कावा
आ दुखड़े मिटा माता।।
आ दुखड़े मिटा माता।।
आ दुखड़े मिटा माता।।
आ दुखड़े मिटा माता।।
तर्ज – उड़जा काले कावा
आ दुखड़े मिटा माता।।
आ दुखड़े मिटा माता।।
आ दुखड़े मिटा माता।।
आ दुखड़े मिटा माता।।
बरसाने की गलियों की, जब याद सताती है, ऐसा मुझे लगता है, जैसे श्री जी बुलाती है।। तर्ज - बाबुल...
अब तो बुला लीजिये, सरकार सांवरे, शायद फिर इस जनम में, मुलाकात हो ना हो, अब तो बुला लीजियें।। तर्ज...
भोले के दर पे जो भी, दर्शन को आता है, उनकी कृपा से प्राणी, सब कुछ पाता है, सब कुछ...
मेरा सांवरा सलोना दिलदार, लुटाने अपना प्यार आ गया, होके लीले पे देखो सवार, लुटाने अपना प्यार आ गया, ये...
कृष्ण मुरारी खोलो किवाड़ी, भक्त खड़े तेरे द्वार, दर्शन पाने खातिर हमको, सब कुछ है स्वीकार, श्याम तू दर्शन दे...
खुल गया बैंक राधा, रानी के नाम का, बैठा बनके मैनेजर, कान्हा नंदगांव का, बैठा बनके मैनेजर, कान्हा नंदगांव का।।...
© 2024 Bhajan Diary
Good.
बहुत शानदार लगा है | अति सुंदर है |