बाल समय में खेलत खेलत,
जब सूरज को देखा,
आज तलक जीवन में मैंने,
ऐसा फल नहीं देखा,
हाए राम सूरज को निगलने,
उड़े है बजरंगबली,
उडे हैं बजरंगबली।।
सीता माँ को छल से हर के,
ले गया रावण लंका में,
कैसे उनका पता लगाये,
राम पड़े है चिंता में,
सीता माँ का पता लगाने,
उडे हैं बजरंगबली,
उडे हैं बजरंगबली।।
शक्ति लगी जब लक्ष्मण को,
राम प्रभु जी घबराये,
ऐसा कौन है दुनिया में,
जो संजीवन बूटी लाये,
लक्ष्मण जी के प्राण बचाने,
उडे हैं बजरंगबली,
उडे हैं बजरंगबली।।
रावण को जब मार के,
राम अयोध्या लौट रहे,
‘श्याम’ कहे ये संदेशा,
भरत भैया से कौन कहे,
खुशखबरी ये सुनाने,
उडे हैं बजरंगबली,
उडे हैं बजरंगबली।।
बाल समय में खेलत खेलत,
जब सूरज को देखा,
आज तलक जीवन में मैंने,
ऐसा फल नहीं देखा,
हाए राम सूरज को निगलने,
उड़े है बजरंगबली,
उडे हैं बजरंगबली।।
Voice – Raj Pareek