उगीयो सोना वालों सूरज,
सखियाँ मारे आज जी,
देखो त्रिलोकी रा नाथ,
पधार्या मारे द्वार जी,
देखो त्रिलोकी रा नाथ,
पधार्या मारे द्वार जी।।
कईया रिजावा थाने,
कईया रिजावा,
बागा माई जाकर थोड़ा,
फुल तोड़ लावा,
कोई फुला सु बणावा,
थारे नोसर हार जी,
देखो त्रिलोकी रा नाथ,
पधार्या मारे द्वार जी।।
कठे वो बिठावा ठाकुर,
कठे वो बिठावा,
फुला वाला ठाकुर थारे,
सिंहासन बणावा,
कोई सिहासन बिराजो,
पृथ्वी रा नाथ जी,
देखो त्रिलोकी रा नाथ,
पधार्या मारे द्वार जी।।
काई चढावा ठाकुर,
काई वो चडावा,
ठाकुर जी रा भोग ताई,
काई में बणावा,
मावा मिसरी का ये भोग,
लगावा जिमो नाथ जी,
देखो त्रिलोकी रा नाथ,
पधार्या मारे द्वार जी।।
जागण जगावा ठाकुर,
सतसंग करवावा,
ठाकुर जी का प्यारा प्यारा,
भजन सुणावा,
थाको ‘देव’ गायों आमा वालों,
कडिया जोड़ जी,
देखो त्रिलोकी रा नाथ,
पधार्या मारे द्वार जी।।
उगीयो सोना वालों सूरज,
सखियाँ मारे आज जी,
देखो त्रिलोकी रा नाथ,
पधार्या मारे द्वार जी,
देखो त्रिलोकी रा नाथ,
पधार्या मारे द्वार जी।।
गायक – देव शर्मा आमा।
8290376657