उज्जैन के राजा तुमको आना पड़ेगा,
दोहा – चिंतामन चिंता हरे,
क्षिप्रा करे निहाल,
दया करे माँ हरसिद्धि,
रक्षा करे महाकाल।
बाबा मेरे भोले मेरे,
भर दो झोली दाता मेरे,
आ जाओ आ जाओ आ जाओ,
उज्जैन के राजा तुमको आना पड़ेगा,
भक्तो को दर्शन दिखाना पड़ेगा।।
तर्ज – जिसका मुझे था इंतजार।
महाँकाल नगरी है बड़ी निराली,
जो भी जाता है आता ना खाली,
तेरा सहारा हमे तेरा सहारा है,
भक्तो की किस्मत को तूने सवारा है,
आ जाओ आ जाओ आ जाओ,
उज्जैन के राजा तुमकों आना पड़ेगा,
भक्तो को दर्शन दिखाना पड़ेगा।।
जब भी संकट आया है भारी,
तूने सबकी बिगड़ी सवारी,
तेरा ही नाम सुनके दर पर तेरे आया हूँ,
तेरे दर्शन की आस मन में लाया हूँ,
आ जाओ आ जाओ आ जाओ,
उज्जैन के राजा तुमकों आना पड़ेगा,
भक्तो को दर्शन दिखाना पड़ेगा।।
बाबा मेरे भोले मेरे,
भर दो झोली दाता मेरे,
आ जाओ आ जाओ आ जाओ,
उज्जैन के राजा तुमकों आना पड़ेगा,
भक्तो को दर्शन दिखाना पड़ेगा।।
गायक / प्रेषक – शुभम प्रजापत।
7999733255