ऊँचे पर्वत पे बेठी वैष्णो रानी,
सबकी झोली भरे माता रानी,
तुम हो शारदा लक्ष्मी तुम भवानी,
तेरे दर की है दुनिया दीवानी,
ऊँचे पर्वत पे बेठी वैष्णो रानी।।
तुमने ही संसार को बनाया,
ये जगत मैया तेरी ही माया,
तुम जल थल अम्बर में हो,
तुम्ही रक्षा करो अम्बे रानी,
ऊँचे पर्वत पे बेठी वैष्णो रानी।।
जब भी देवो पे विपदा है आई,
माँ तुमने ही करी है सहाई,
तूने दुर्गा रूप को धर के,
दुष्टों को मिटाया भवानी,
ऊँचे पर्वत पे बेठी वैष्णो रानी।।
जो भी भक्त तेरे दर पे आते,
मन चाही मुरादे वो पाते,
मैं भी तो हूँ शरण में तेरी,
अर्जी सुनलो अब महारानी,
ऊँचे पर्वत पे बेठी वैष्णो रानी।।
ऊँचे पर्वत पे बेठी वैष्णो रानी,
सबकी झोली भरे माता रानी,
तुम हो शारदा लक्ष्मी तुम भवानी,
तेरे दर की है दुनिया दीवानी,
ऊँचे पर्वत पे बेठी वैष्णो रानी।।
Ratangad Mata bhajan