ऊदरा ऊदरी रे झगड़ो लागो,
दोहा – चिड़िया चोच भर ले गई,
नदी न गटयो नीर,
धर्म किया धन न घटे,
कह गया दास कबीर।
ऊदरा ऊदरी रे झगड़ो लागो,
रसीयो भारत भारी,
थारे मारे कदे वणेला,
मारे घङाईदे वाली,
रंग लागो ऊदलङी,
मीठी बोले ऊदलङी,
हवले हाले ऊदलङी,
फुलङो रा भारा ऊदलङी,
रेशम रा रेजा ऊदलङी,
अंतर रा झोला ऊदलङी,
साकर री डलीयो ऊदलङी,
हरिद्वारे जायने माला फेरो,
सायब रे नोमरी हो जी।।
थारे कायरा घङावु सोना ने रुपा,
कायरा रास घङावु,
मै तो रे जगल रा वासी,
पोन फुल फल खावो,
रंग लागो ऊदलङी,
मीठी बोले ऊदलङी,
हवले हाले ऊदलङी,
पटीयो पाङे ऊदलङी,
काजल घाले ऊदलङी,
सुरमो सारे ऊदलङी,
वा पावडर सोपङे ऊदलङी,
हरिद्वारे जायने माला फेरो,
सायब रे नोमरी हो जी।।
धरबङ धरबङ धोङी ऊदरी,
जाये थोणा मे पुगी,
अरे सुणो नी मालिक रा हंसा,
आज मने ऊदरे मारी,
रंग लागो ऊदलङी,
मीठी बोले ऊदलङी,
हवले हाले ऊदलङी,
फुलङो रा भारा ऊदलङी,
रेशम रा रेजा ऊदलङी,
अंतर रा झोला ऊदलङी,
साकर री डलीयो ऊदलङी,
हरिद्वारे जायने माला फेरो,
सायब रे नोमरी हो जी।।
रोडे जेठोनी रो कबजो कापीयो,
देरोणी री साङी,
मारे सगा सोरा री मुस कापी,
मै जरे रोड ने मारी,
रंग लागो ऊदलङी,
मीठी बोले ऊदलङी,
हवले हाले ऊदलङी,
फुलङो रा भारा ऊदलङी,
रेशम रा रेजा ऊदलङी,
हरिद्वारे जायने माला फेरो,
सायब रे नोमरी हो जी।।
ऊदरा ऊदरी रे हुआ मनोमणा,
हुआ मलीदा भारी,
अण ऊदरादास री विनती,
आखिर ऊदरी हारी,
रंग लागो ऊदलङी,
मीठी बोले ऊदलङी,
हवले हाले ऊदलङी,
फुलङो रा भारा ऊदलङी,
रेशम रा रेजा ऊदलङी,
अंतर रा झोला ऊदलङी,
साकर री डलीयो ऊदलङी,
हरिद्वारे जायने माला फेरो,
सायब रे नोमरी हो जी।।
गायिका – संतोष जोशी।
प्रेषक – अवतार सिंह रावणा डागरा
7340419584