उसका के करले संसार,
जिसका राम रूखाला हो।।
के थी कसर बिघन मेंं बहना,
बैठया प्रहलाद अगन में बहना,
ठंडे होगे कती अंगार,
देखया ढंग निराला हैं,
उसका के कर ले संसार,
जिसका राम रूखाला हो।।
सीता कैद पड़ी रावण की,
देखः बाट राम आवण की,
जिस तं गए देवता हार,
उसकः भिड़गया ताला हे,
उसका के कर ले संसार,
जिसका राम रूखाला हो।।
कंश ने भर दिया घड़ा पाप का,
जिसने तारया ताज बाप का,
हे दिया कंश अधर्मी मार,
बण क कृष्ण काला हे,
उसका के कर ले संसार,
जिसका राम रूखाला हो।।
कृष्ण लाल गुरू की बाणी,
मेवा मुक्ति हो स खाणी,
मन में प्रेम शांति धार,
रट लो हर की माला हे,
उसका के कर ले संसार,
जिसका राम रूखाला हो।।
उसका के करले संसार,
जिसका राम रूखाला हो।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )
https://youtu.be/QtXufvF4i-4