उतारूं आरती श्री बाबा सिद्धनाथ की,
उतारु आरती श्री बाबा सिद्धनाथ की,
खरगोन के सरकार की,
निमाड़ के महाराज की,
नागेश्वर अवतार की,
उतारु आरती श्री बाबा सिद्धनाथ की।।
नवग्रह नगरी आप विराजे,
भोले भक्त बजाते बाजे,
सबके भाग्य संवारती,
उतारु आरती श्री बाबा सिद्धनाथ की।।
सिद्धिविनायक कुंदा तट से आए,
कालिका मां संग भैरव लाए,
मिलकर गाए आरती,
उतारु आरती श्री बाबा सिद्धनाथ की।।
डम डम डम डम डमरू बाजे,
तांडव करके भोला नाचे,
दुःख संताप है हारती,
उतारु आरती श्री बाबा सिद्धनाथ की।।
जटा में बहती निर्मल गंगा,
भाल सुशोभित जिनके चंदा,
भूतगणों के नाथ की,
उतारु आरती श्री बाबा सिद्धनाथ की।।
कंचन थाल कपूर की बाती,
निशदिन ज्योत जले दिन राती,
जगदम्बा के नाथ की,
उतारु आरती श्री बाबा सिद्धनाथ की।।
उतारूं आरती श्री बाबा सिद्धनाथ की,
उतारु आरती श्री बाबा सिद्धनाथ की,
खरगोन के सरकार की,
निमाड़ के महाराज की,
नागेश्वर अवतार की,
उतारु आरती श्री बाबा सिद्धनाथ की।।
गायक – शुभम रघुवंशी।
94250-35322