उठा ल्यो निशान थे हाथा में,
भाई फागण नेड़े आग्यो।।
तर्ज – बता मेरे यार सुदामा रे।
फागण आग्यो खाटू जास्या,
म्हारे श्याम का लाड़ लड़ास्या,
दिन काट जासी बाता में,
भाई फागण नेड़े आग्यो,
उठा ल्यों निशान थे हाथां में,
भाई फागण नेड़े आग्यो।।
लगास्या श्याम धणी के अर्जी,
बेगो निशान बना दे दरजी,
म्हे सगळा खाटू जास्या जी,
भाई फागण नेड़े आग्यो,
उठा ल्यों निशान थे हाथां में,
भाई फागण नेड़े आग्यो।।
ऐसी बणी श्याम से यारी,
उमर बिता द्यु खाटू सारी,
सपना में आग्यो रातां में,
भाई फागण नेड़े आग्यो,
उठा ल्यों निशान थे हाथां में,
भाई फागण नेड़े आग्यो।।
यो ‘अविनाश’ श्याम को चाकर,
‘शरद सोनू’ थाने भजन सुनाकर,
सब कुछ थारे हाथां में,
बाबा फागण नेड़े आग्यो,
उठा ल्यों निशान थे हाथां में,
भाई फागण नेड़े आग्यो।।
उठा ल्यो निशान थे हाथा में,
भाई फागण नेड़े आग्यो।।
Singer – Kumar Sharad ‘Sonu’