उठे साँवरिये री हुक,
नैना झर झर नीर बहाए,
आयो फागणियो रंगीलो म्हारो,
जीव ललचाए,
चालो चालो नी भवर जी,
म्हारो सांवरो बुलाए।।
तर्ज – टूटे बाजूबंद री लूम।
आयो फागणियो रंगीलो,
म्हारो बाबो मारे हेलो,
सगळा घर का ने संग लेलो,
कोई रह नहीं जाए,
चालो चालो नी भवर जी,
बेगा चालो नी भवर जी,
म्हारो सांवरो बुलाए।।
ढोलक झांझ मजीरा बाजे,
सेवक झूम झूम के नाचे,
मुरली सांवरिये की बाजे,
म्हारो मन हर्षाए,
चालो चालो नी भवर जी,
बेगा चालो नी भवर जी,
म्हारो सांवरो बुलाए।।
देख्यो श्याम सलोनो मुखडो,
भूल्यो सारे मन को दुखडो,
म्हारे कालजरेडों टुकड़ो,
राखु नैना में छुपाए,
चालो चालो नी भवर जी,
बेगा चालो नी भवर जी,
म्हारो सांवरो बुलाए।।
कोई रंग गुलाल उड़ावे,
कोई अंतर खूब चढ़ाए,
‘अन्नू’ भजना सु रिझावे,
बैठ्यो श्याम मुस्काए,
चालो चालो नी भवर जी,
बेगा चालो नी भवर जी,
म्हारो सांवरो बुलाए।।
उठे साँवरिये री हुक,
नैना झर झर नीर बहाए,
आयो फागणियो रंगीलो म्हारो,
जीव ललचाए,
चालो चालो नी भवर जी,
म्हारो सांवरो बुलाए।।