वारी वारी जाऊं भोले तेरी,
उज्जैनि आकर,
उज्जैनि आकर तेरी,
नगरी में आकर,
जीवन सफल बनाउ रे,
बाबा तेरे दर्शन में पाकर,
वारी वारी जाऊं भोले,
तेरी उज्जैनि आकर।।
क्षिप्रा तट उज्जैन विराजे,
कालों के महाकाल निराले,
तेरे दर पर आए सवाली,
हो जाते है वारे न्यारे,
जीवन धन्य बनाऊ रे भोले,
तेरी आरती गाकर,
वारी वारी जाऊँ रे भोले,
तेरी उज्जैनि आकर।।
महाकाल के दर्शन पाऊं,
जीवन अपना धन्य बनाऊं,
भंगिया और धतूरा चढ़ाऊं,
और मैं बाबा को मनाउ,
मस्त मगन हो जाऊं,
बाबा तेरी उज्जैनि आकर,
वारी वारी जाऊँ भोले,
तेरी उज्जैनि आकर।।
वारी वारी जाऊं भोले तेरी,
उज्जैनि आकर,
उज्जैनि आकर तेरी,
नगरी में आकर,
जीवन सफल बनाउ रे,
बाबा तेरे दर्शन में पाकर,
वारी वारी जाऊं भोले,
तेरी उज्जैनि आकर।।
लेखक / प्रेषक – उमेश मुलेवा।
6261240737