विनती मेरी सुन लो,
श्याम बिहारी जी,
आन पड़ा मैं बाबा,
शरण तिहारी जी।।
तर्ज – रेशमी सलवार कुर्ता।
मैं शरण में आया तेरी,
अब मुझको श्याम सम्भालो,
बाबा कोई नहीं है मेरा,
तुम मुझको गले लगा लो,
ओ कृष्ण मुरारी जी,
आन पड़ा मैं बाबा,
शरण तिहारी जी।।
जिसका ना कोई सहारा,
उसका तू खाटू वाले,
भवरों में अटकी नैय्या,
मैंने कर दी तेरे हवाले,
ओ बाँके बिहारी जी,
आन पड़ा मैं बाबा,
शरण तिहारी जी।।
मैं मूर्ख हूँ अज्ञानी,
गलती पे ध्यान ना देना,
जब गिरने लगू मैं बाबा,
मेरी बाँहो को थाम लेना,
ओ मेरे गिरधारी जी
आन पड़ा मैं बाबा,
शरण तिहारी जी।।
‘रूबी रिधम’ दुखों से हारे,
अब और परीक्षा ना लो,
मुझे दर का बना लो सेवक,
अपने चरणों मे जगह दो,
ओ लखदातारी जी,
आन पड़ा मैं बाबा,
शरण तिहारी जी।।
विनती मेरी सुन लो,
श्याम बिहारी जी,
आन पड़ा मैं बाबा,
शरण तिहारी जी।।
Singer – Anju Sharma
Writer / Upload – Ruby Garg (Ruby Ridham)
9717612115