विपदा ये बच्चों की,
जो तुम बिसराओगे,
सच कहता हूँ बाबा,
मुझे और लजाओगे।।
तुम पिता हमारे हो,
मैं बेटा लगू तेरा,
मुझे दुनिया सताती है,
क्या फर्ज बता तेरा,
जो फर्ज निभाने में,
तुम देर लगाओगे,
सच कहता हूँ बाबा,
मुझे और लजाओगे।।
दर दर मैं भटकता हूँ,
तू सेठ जगत का है,
तिल तिल मै तरसता हूँ,
तू दानी कहाता है,
बेटे का जो ये हाल,
तुम यूँ बिसराओगे,
सच कहता हूँ बाबा,
मुझे और लजाओगे।।
नरसी मीरा जैसी,
मैं भक्ति कहाँ लाऊ,
मैने पिता तुम्हे माना,
कैसे मैं बतलाऊ,
इस बार भी मैं हारु,
गर तुम ना आओगे,
सच कहता हूँ बाबा,
मुझे और लजाओगे।।
दरकार पिता की हो,
तो कृष्णा कंहा जाए,
तू चाहे तो जि जाए,
तू चाहे तो मर जाए,
ऐसे में ‘पिंटू’ को,
जो यू बहलाओगे,
सच कहता हूँ बाबा,
मुझे और लजाओगे।।
विपदा ये बच्चों की,
जो तुम बिसराओगे,
सच कहता हूँ बाबा,
मुझे और लजाओगे।।
Singer – KrishnaPriya
Written & Upload By – Pintu Bhagat
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