है विष्णु रो अवतार,
सतगुरु जांभोजी म्हारा जांभोजी।।
जल थल अग्नि पवन नहीं था,
चांद सूरज और गगन नहीं था,
मायाजाल अपार,
सतगुरु जांभोजी म्हारा जांभोजी।।
पांच तत्व मिल सृष्टि रचाई,
ब्रह्मा विष्णु महेश कहाई,
सब का पालनहार,
सतगुरु जांभोजी म्हारा जांभोजी।।
बालपणे मे गांया चराई,
सिर पर भगवी टोपी धारी,
बन गए गूंगे श्याम,
सतगुरु जांभोजी म्हारा जांभोजी।।
भक्त काज युग युग अवतारी,
संत भक्त के कारज सारि,
लियो पीपासर अवतार,
सतगुरु जांभोजी म्हारा जांभोजी।।
समराथल सतगुरु जी आया,
शब्दा रो माने ज्ञान सुनाया,
दियो अमृतपान पिलाय,
सतगुरु जांभोजी म्हारा जांभोजी।।
है विष्णु रो अवतार,
सतगुरु जांभोजी म्हारा जांभोजी।।
भजन प्रेषक –
Sunil Bishnoi Dechu
9587303598
https://youtu.be/5efGfVVQ5CI
Ye bhejn bhav Sagar se paar Karne vala hai Jo ye subah Sam ucharan Kare to usaka beda paar hai very nice song