विष्णु विष्णु भज रे प्राणी,
भवसागर ने पार करो,
जीवन की नैया पार करो।।
प्रातः काल उठ बेगो न्हाई,
बेगो-बेगो-बेगो-बेगो न्हाई,
आलस नींद ने दूर करो,
जीवन की नैया पार करो।।
मीठी मीठी बोल तूँ वाणी,
मीठी-मीठी मीठी-मीठी बोल तूँ वाणी,
निंदा झूठ ने दूर तजो,
जीवन की नैया पार करो।।
अमल तम्बाकू भाँग भगाओ,
बीड़ी हुक्का पास न लाओ,
दारू दुश्मन दूर करो,
जीवन की नैया पार करो।।
हरी नाम की बांधो गाँठड़ी,
हरी-हरी-हरी-हरी बाँधो गाँठड़ी,
हरदम हरि ने याद करो,
जीवन की नैया पार करो।।
विष्णु विष्णु भज रे प्राणी,
भवसागर ने पार करो,
जीवन की नैया पार करो।।
गायक / लेखक – डॉ. स्वामी सच्चिदानंद जी आचार्य।
प्रेषक – विष्णु लटियाल।
9928412891