वो गोकुल वालो ग्वाल कठे,
वो नारायण नन्दलाल कठे,
वो ब्रज मोहन ब्रज लाल कठे,
वो गोकुल वालो ग्वाल कठे,
युग युग सु गाया ढुँढ रही,
युग युग सु गाया ढुँढ रही,
पग पग पर गाया पुछ रही,
वो गौ पालक गोपाल कठे,
माँ यशोदा रो लाल कठे,
वो गाया रो रखवाल कठे।।
जद जहर गुल्यो जल जमुना में,
जद जहर गुल्यो जल जमुना मे,
प्रभु नाग कालीयो नाथ दीयो,
गाया रा बछडा मारणीयो,
गाया रा बछडा मारणीयो,
बागासुर असुर पछाड़ दियो,
लिया गाया हित अवतार किता,
लिया गाया हित अवतार किता,
इन पृथ्वी पर प्रतीपाल सदा,
रयो अमीट सनातन धर्म तिलक,
युग युग सु भारत भाल सदा,
वो भगता रो प्रतीपाल कठे,
वो भगता रो प्रतीपाल कठे,
वो महाकाला रो काल कठे,
वो नारायण नन्दलाल कठे,
वो ब्रज मोहन ब्रज लाल कठे,
वो गोकुल वालों ग्वाल कठे।।
काई होयो आज रा मिनखा ने,
काई होयो आज रा मिनखा ने,
बेतोडा मार्ग भूल गया,
लालच के फन्दे झूल रया,
लालच के फन्दे झूल रया,
अभिमान अकड़ मे फूल रया,
सब धर्यो अठे ही रह जासी,
सब धर्यो अठे ही रह जासी,
भया जाण बूझ कर अज्ञानी,
इन धरती पर मिजमान सभी,
किनरी कितरी है जिन्दगानी,
कुण पार लगासी बेतरणी,
कुण पार लगासी बेतरणी,
गौ माता को विशवास कठे,
वो नारायण नन्दलाल कठे,
वो ब्रज मोहन ब्रज लाल कठे,
वो गोकुल वालों ग्वाल कठे।।
है आज जगत की हालत आ,
है आज जगत की हालत आ,
हर हाथ हाथ ने काट रया,
भाई भाई को वैरी है,
भाई भाई को वैरी है,
माँ बाप ने बेटा डांट रया,
पुग्यो जल ऊंडो पाताला,
पुग्यो जल ऊंडो पाताला,
शिवजी ने शीतल कौन करे,
तृष्णा ही तृष्णा मृग तृष्णा,
विकराल भूख आ कैया भरे,
है जीणो ही बेकार अठे,
है जीणो ही बेकार अठे,
जिन भूमि ऊपर गाय कटे,
वो नारायण नन्दलाल कठे,
वो ब्रज मोहन ब्रज लाल कठे,
वो गोकुल वालों ग्वाल कठे।।
अरे जाग जाग तू जगत पिता,
अरे जाग जाग तू जगत पिता,
क्यु सोयो ऊंडा ओरा मे,
मिट जासी हिन्दू हिन्द माही,
मिट जासी हिन्दू हिन्द माही,
हथियार सौप दिया चोरा ने,
आज खून होयो विशवासा को,
आज खून होयो विशवासा को,
शासन अर सत्ता समझोता,
घर फुट फुट मे लुट जासी,
रह जासी घर का सब रोता,
समाधान एक है संकट को,
समाधान एक है संकट को,
है गौ माता जो ढाल अठे,
वो नारायण नन्दलाल कठे,
वो ब्रज मोहन ब्रज लाल कठे,
वो गोकुल वालों ग्वाल कठे।।
कर जोड कहे रे करणी सुत,
कर जोड कहे रे करणी सुत,
चेत्या बिन काम चलेला ना,
मिट जासी हिन्दूस्तान अरे,
मिट जासी हिन्दूस्तान अरे,
संभल्या बिन बात बणेला ना,
है राम तू ही है कृष्ण तू ही,
है राम तू ही है कृष्ण तू ही,
गौ सेवा करके शक्ति ले,
पशु जाण के निजर फिराय मती,
गौ शक्ति है तू भक्ति दे,
कोई मोल नही इन जीवन को,
कोई मोल नहीं इन जीवन को,
भले शीश सौप दे गाय जठे,
वो नारायण नन्दलाल कठे,
वो ब्रज मोहन ब्रज लाल कठे,
वो गोकुल वालों ग्वाल कठे।।
वो नारायण नन्दलाल कठे,
वो ब्रज मोहन ब्रज लाल कठे,
वो गोकुल वालो ग्वाल कठे,
युग युग सु गाया ढुँढ रही,
युग युग सु गाया ढुँढ रही,
पग पग पर गाया पुछ रही,
वो गौ पालक गोपाल कठे,
माँ यशोदा रो लाल कठे,
वो गाया रो रखवाल कठे।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818