वो जगह जहाँ बनते,
हर बिगड़े काम है,
कही और नहीं है जगह,
वो खाटू धाम है,
जहाँ कण कण में बसते,
मेरे बाबा श्याम है,
खाटू धाम है, खाटू धाम है,
वो जगह जहाँ बनतें,
हर बिगड़े काम है,
कही और नहीं है जगह,
वो खाटू धाम है।।
तर्ज – कब तक चुप बैठे।
फागुन की भीड़ में बाबा,
भक्तों को पास बुलाए,
ले कर के जीवन नैया,
अपने हाथों से हिलाए,
वो जगह जहाँ,
फागुन का रसिया श्याम है,
खाटू धाम है, खाटू धाम है,
वो जगह जहाँ बनतें,
हर बिगड़े काम है,
कही और नहीं है जगह,
वो खाटू धाम है।।
रींगस से पैदल चलकर,
बाबा को निशान चढ़ाएँ,
बाबा खुश होकर सबसे,
भक्तों का मान बढाएं,
वो जगह जहाँ,
मिलता सबको सम्मान है,
खाटू धाम है, खाटू धाम है,
वो जगह जहाँ बनतें,
हर बिगड़े काम है,
कही और नहीं है जगह,
वो खाटू धाम है।।
इस मोरछड़ी को हिलाकर,
भक्तों के साथ है रहता,
प्रेमी पर नजर घुमाकर,
भावों में ये है बहता,
वो जगह जहाँ,
पुरे होते अरमान है,
खाटू धाम है, खाटू धाम है,
वो जगह जहाँ बनतें,
हर बिगड़े काम है,
कही और नहीं है जगह,
वो खाटू धाम है।।
जब विपदा हमपे आए,
लिले पे चढ़के आए,
‘पायल’ के घर में बाबा,
विपदा से पहले आए,
वो जगह जहाँ,
हरपल होती जयकार है,
खाटू धाम है, खाटू धाम है,
वो जगह जहाँ बनतें,
हर बिगड़े काम है,
कही और नहीं है जगह,
वो खाटू धाम है।।
वो जगह जहाँ बनते,
हर बिगड़े काम है,
कही और नहीं है जगह,
वो खाटू धाम है,
जहाँ कण कण में बसते,
मेरे बाबा श्याम है,
खाटू धाम है, खाटू धाम है,
वो जगह जहाँ बनतें,
हर बिगड़े काम है,
कही और नहीं है जगह,
वो खाटू धाम है।।
Singer / Lyrics – Pallavi Chauhan (Payal)