वृन्दावन आके प्यारे रटले राधा नाम,
श्लोक – बैकुंठ में भी जो ना मिले,
वो सुख वृन्दावन धाम में है,
कितनी भी बड़ी विपदा हो चाहे,
समाधान तेरे एक नाम मे है।
प्यारा वृन्दावन धाम,
न्यारा वृन्दावन धाम,
सारे जग से निराला बृज धाम,
वृन्दावन आके प्यारे रटले राधा नाम,
वृन्दावन आके प्यारे रटले राधा नाम।।
ब्रज की रज में लौट लगाए,
तन मन के सब खोट मिटाये,
जग के कर्म करे निष्काम,
वृन्दावन आके प्यारे रटले राधा नाम।।
वृन्दावन की कुंजी गलिन में,
बंशीवट की छाव भलिन में,
पियेंगे प्रेम सुधा हर शाम,
वृन्दावन आके प्यारे रटले राधा नाम।।
श्यामा श्यामा नाम रटेंगे,
पीछे पीछे श्याम चलेंगे,
मिटेंगे जग के बंध तमाम,
वृन्दावन आके प्यारे रटले राधा नाम।।
प्यारा वृन्दावन धाम,
न्यारा वृन्दावन धाम,
सारे जग से निराला बृज धाम,
वृन्दावन आके प्यारे रटले राधा नाम,
वृन्दावन आके प्यारे रटले राधा नाम।।
– गायक एवं प्रेषक –
श्री रूप बसंत जी
7354500706