वृन्दावन जाने को जी चाहता है,
वृंदावन जाने को जी चाहता हैं,
राधे राधे गाने को जी चाहता है।।
वृंदावन में बांके बिहारी,
वृंदावन में बांके बिहारी,
अखियां मिलाने को जी चाहता है,
वृंदावन जाने को जी चाहता हैं,
राधे राधे गाने को जी चाहता है।।
वृंदावन में यमुना किनारा,
वृंदावन में यमुना किनारा,
गोता लगाने को जी चाहता है,
वृंदावन जाने को जी चाहता हैं,
राधे राधे गाने को जी चाहता है।।
वृन्दावन में निधिवन है प्यारा,
वृन्दावन में निधिवन है प्यारा,
रास रचाने को जी चाहता है,
वृंदावन जाने को जी चाहता हैं,
राधे राधे गाने को जी चाहता है।।
वृंदावन की रज अति प्यारी,
वृंदावन की रज अति प्यारी,
मस्तक लगाने को जी चाहता है,
वृंदावन जाने को जी चाहता हैं,
राधे राधे गाने को जी चाहता है।।
वृंदावन में संत बहुत है,
वृंदावन में संत बहुत है,
जीवन लुटाने को जी चाहता है,
वृंदावन जाने को जी चाहता हैं,
राधे राधे गाने को जी चाहता है।।
वृन्दावन जाने को जी चाहता है,
वृंदावन जाने को जी चाहता हैं,
राधे राधे गाने को जी चाहता है।।
स्वर – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।
प्रेषक – शेखर चौधरी।
मो – 9074110618