वादा करके मोहन नही आया,
आँखो में कई राते ढल गयी।
श्याम की याद में,
सखिया विलाप कर रही है –
प्यार सखियों का दिल से भुलाया,
आँखो में कई राते ढाल गयी,
वादा करके मोहन नही आया,
आँखो में कई रते ढल गयी।।
देखो मोहन नही आया नही आया,
मेरा मोहन नही आया नही आया,
मोहन नही आया नही आया,
वादा करके मोहन नही आया,
आँखो में कई राते ढल गयी।।
दुखड़ा दे गया कृष्ण मुरारी,
रो रो कहती सखिया सारी,
मोहन नही आया,
वादा करके मोहन नही आया,
आँखो में कई राते ढल गयी।।
वादा करके श्याम ना आया,
भूल गया पनघट को,
सुना गोकुल मधुबन सुना,
कर गया जमुना तट को,
मोहन नही आया।
वादा करके मोहन नही आया,
आँखो में कई राते ढल गयी।।
हमे छोड़ गया मदन गोपाल जी,
बड़ा छलिया यशोदा माँ का लालजी,
कोई हम पे तरस नही खाया,
आँखो में कई राते ढल गयी,
मेरा मोहन नही आया,
वादा करके मोहन नहीं आया,
आँखो में काई राते ढल गयी।
देखो मोहन नही आया नही आया,
मेरा मोहन नही आया नही आया,
वादा करके मोहन नहीं आया,
आँखो में कई राते ढल गयी।।
गया बीच भवर में हमे छोड़ के,
गया बीच भवर में हमे छोड़ के,
सारे नाते रिस्ते श्याम हमसे तोड़ के,
होके अपना वो बना है पराया,
आँखो में कई राते ढल गयी।।
वादा करके मोहन नही आया,
आँखो में कई राते ढल गयी,
मेरा मोहन नही आया नही आया।
वादा करके मोहन नहीं आया,
आँखो में काई राते ढल गयी।।
श्याम इतना ना भक्तो को सताइये,
आके ब्रज में फिर बाँसुरी बजाइए,
शर्मा ने कबसे ध्यान लगाया,
आँखो में कई राते ढल गयी,
वादा करके मोहन नहीं आया,
आँखो में काई राते ढल गयी।।
प्यार सखियों का दिल से भुलाया,
आँखो में कई राते ढल गयी,
वादा करके मोहन नहीं आया,
आँखो में काई राते ढल गयी।।