वाह रे म्हारा बालाजी,
तूने लंका जला दी रे,
मोटा मोटा राक्षसा की,
नींद उड़ा दी रे,
वारे बजरंग बाला जी,
तूने लंका जला दी रे।।
रावण लग्यो राम चन्द्र जी की,
नारी या सीता,
जाकर मारया राक्षसा ने ज्यो,
फोड़ दिया पपीता,
रावण की सेना की हनुमत,
नींद उड़ा रे,
वारे बजरंग बाला जी,
तूने लंका जला दी रे।।
सात समुद्र कूद बाला जी,
लंका माही आयो,
सारी लंका माही घर,
विभीषण को बचायो,
विभीषण के घर राम जी,
अलख जगा दी रे,
वारे बजरंग बाला जी,
तूने लंका जला दी रे।।
अक्षय कुमार ने मार गिरायो,
वाटिका उजाड़ी,
जा रावण की सभा मायने,
सारी शान बिगाड़ी,
रावण ने समजाबा ने,
मंदोदरी आगी रे,
वारे बजरंग बाला जी,
तूने लंका जला दी रे।।
रावण मार सियाराम घर आये,
घर घर बंटे बधाई,
एक रात में पासो पलट्यो,
लंका धूल उड़ाई,
चम्पा लाल प्रजापति थाकि,
महिमा सुनाई रे,
वाह रे म्हारा बालाजी,
तूने लंका जला दी रे।।
मोटा मोटा राक्षसा की,
नींद उड़ा दी रे,
वारे बजरंग बाला जी,
तूने लंका जला दी रे।।
भजन गायक – चम्पा लाल प्रजापति।
मालासेरी डूँगरी 89479-15979