वारे मारा कान्हा भली करी,
वारे मारा कान्हा जोर की करी,
रास्ता में धुलाई मेरी दूध की चरि,
वारे मारा कान्हा जोर की करी।।
घर गई सुसरा जी पूछे मुझे,
कुढ़ रे धुलाई थारी दूध की चरि,
वारे मारा कान्हा जोर की करी।।
घर गया देवर जी पूछे मुझे,
नंदा चलावे मा पर छप्पन छुरी,
वारे मारा कान्हा जोर की करी।।
घर गई साहिब जी पूछे मुझे,
कोने रे धुलाई थारी दूध की चरि,
वारे मारा कान्हा जोर की करी।।
गेला में मिल गयो नंदजी को लालो,
वही रे धुलाई मारी दूध की चरि,
वारे मारा कान्हा जोर की करी।।
मोहरा की दी चरि भरी,
राजी हो गयो मारो घर को धनी,
वारे मारा कान्हा जोर की करी।।
वारे मारा कान्हा भली करी,
वारे मारा कान्हा जोर की करी,
रास्ता मे धुलाई मेरी दूध की चरि,
वारे मारा कान्हा जोर की करी।।
प्रेषक – आकाश बंजारा
7357598081