वो पहली बार वृन्दावन,
का जाना याद आता है,
मुझे तो आज भी मंजर,
सुहाना याद आता है,
वो पहली बार वृंदावन,
का जाना याद आता है।bd।
समझ चन्दन लगाई थी,
वो ब्रज रज मैंने माथे पर,
समझ चन्दन लगाई थी,
वो ब्रज रज मैंने माथे पर,
सुखद अहसास वो बरसो,
पुराना याद आता है,
वो पहली बार वृंदावन,
का जाना याद आता है,
मुझे तो आज भी मंजर,
सुहाना याद आता है।bd।
भुलाकर होश दुनिया की,
तेरी चौखट पे बैठा था,
भुलाकर होश दुनिया की,
तेरी चौखट पे बैठा था,
हजारों में बस एक वो ही,
दीवाना याद आता है,
वो पहली बार वृंदावन,
का जाना याद आता है,
मुझे तो आज भी मंजर,
सुहाना याद आता है।bd।
तुम्हे देखा तो बस हम,
देखते ही रह गए तुमको,
तुम्हे देखा तो बस हम,
देखते ही रह गए तुमको,
नज़र से से हाले दिल तुमको,
सुनाना याद आता है,
वो पहली बार वृंदावन,
का जाना याद आता है,
मुझे तो आज भी मंजर,
सुहाना याद आता है।bd।
बसा के मन के मंदिर में,
युगल सरकार की झांकी,
बसा के मन के मंदिर में,
युगल सरकार की झांकी,
लिखा जो ‘शांत’ ने उस पल,
तराना याद आता है,
Bhajan Diary Lyrics,
वो पहली बार वृंदावन,
का जाना याद आता है,
मुझे तो आज भी मंजर,
सुहाना याद आता है।bd।
वो पहली बार वृन्दावन,
का जाना याद आता है,
मुझे तो आज भी मंजर,
सुहाना याद आता है,
वो पहली बार वृंदावन,
का जाना याद आता है।bd।
गायक – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।