वो शिरडी धाम है मेरा,
जहाँ साई बाबा झोली डाले,
करते हर पल फेरा,
वो शिरडी धाम है मेरा,
वो शिर्डी धाम है मेरा,
जहाँ साई धुनि के साथ ही,
निकले पावन परम सवेरा,
वो शिर्डी धाम है मेरा,
वो शिर्डी धाम है मेरा।।
जहाँ सबका मालिक एक है बन्दे,
यही गूंजता नारा,
साई ओम साई ओम,
साई ओम साई ओम,
जहाँ सबके लिए खुला रहता है,
साई नाथ का द्वारा,
साई नाथ का द्वारा,
जहाँ भेद भाव नहीं कोई रहता,
रहे ना तेरा मेरा,
वो शिर्डी धाम है मेरा,
वो शिर्डी धाम है मेरा।।
जहाँ जल के दीपक साई जलाके,
दीपावली मनाई,
जहाँ जले निरन्तर पावन अग्नि,
वो है द्वारिका माई,
वो है द्वारिका माई,
जहाँ साई भभूति से कटता है,
सब के दुखो का घेरा,
वो शिर्डी धाम है मेरा,
वो शिर्डी धाम है मेरा।।
जहाँ साई नाथ ने भक्तजनो को,
अपने रूप दिखाए,
कही राम श्याम कही महादेव,
कही विष्णु रूप बन आए,
कही विष्णु रूप बन आए,
जहाँ स्वर्ग छोड़ के सारे देवता,
नित नित डाले डेरा,
वो शिर्डी धाम है मेरा,
वो शिर्डी धाम है मेरा।।
जहाँ डमरू ढोलक झाँझ मजीरे,
घंटे शंख पुकारे,
जहाँ दसों दिशाए द्वार पे आके,
साई नाम उच्चारे,
साई नाम उच्चारे,
जहाँ एक बार ही साई दर्श से,
कटे जन्मो का फेरा,
वो शिर्डी धाम है मेरा,
वो शिर्डी धाम है मेरा।।
जहाँ साई बाबा झोली डाले,
करते हर पल फेरा,
वो शिरडी धाम है मेरा,
वो शिर्डी धाम है मेरा,
जहाँ साई धुनि के साथ ही,
निकले पावन परम सवेरा,
वो शिर्डी धाम है मेरा,
वो शिर्डी धाम है मेरा।।