याद करके तुझे,
ये आंखें भर आई है,
दे दो दर्शन मेरे बाबा क्यों,
दी जुदाई है,
दे दो दर्शन मेरे बाबा क्यों,
दी जुदाई है।।
तर्ज – जब भी जी चाहे नई दुनिया।
नैया हिलोरे खाए धड़कने रुक सी जाए,
नैया हिलोरे खाए,
श्याम तुम बिन कौन इसे पार लगाए,
फसी मझधार नैया पकडलो मेरी बहियां,
बिन तेरे जीना श्याम अब तो दुखदाई है,
दे दो दर्शन मेरे बाबा क्यों,
दी जुदाई है।।
तेरा दीदार करूँ श्याम हर बार करूँ,
तेरा दीदार करू,
कब बुलाओगे खाटू में इंतजार करू,
बाबा यूं ना सताओ पास मुझको बुलाओ,
कौन से गुनाह की सज़ा श्याम मैने पाई है।।
दे दो दर्शन मेरे बाबा क्यों,
दी जुदाई है।।
कैसी मज़बूरी है आपसे क्यों दूरी है,
कैसी मजबूरी है,
तुमसे मिलना सांवरे बड़ा ज़रूरी है,
भूल बीसराओ अब तो पास बुलाओ अब तो,
अर्जी भरतोला ने कन्हैया ये लगाई है,
दे दो दर्शन मेरे बाबा क्यों,
दी जुदाई है।।
याद करके तुझे,
ये आंखें भर आई है,
दे दो दर्शन मेरे बाबा क्यों,
दी जुदाई है,
दे दो दर्शन मेरे बाबा क्यों,
दी जुदाई है।।
भजन लेखक -प्रकाश चंद भरतोला।
गायक / प्रेषक – सुशिल नागर।
8750601243