याद थारी आवे रे,
घणो ही सतावे रे।।
तर्ज – उड़ जा काले कावा।
वापस कईया आऊँ सांवरा,
जी ना लागे रे,
पंछी बण बण हिवड़ो म्हारो,
खाटू भागे रे,
म्हारे मन में उठे हिलोरे,
याद घणेरी आवे,
कईया छोड़ के जाऊं सांवरा,
मनड़ा कुण समझावे,
याद थारी आवें रे,
घणो ही सतावे रे।।
म्हारे मन री पीड़ सांवरिया,
थे ही जानो हो,
कुण मन का काला कूण धोला,
थे ही पिछाणो हो,
हे सांवल सरकार याद थारी,
म्हाने क्यों तड़पावे
आऊँ हंसता गाता नैना,
जाता नीर बहावे,
याद थारी आवें रे,
घणो ही सतावे रे।।
जद जद कसक उठे म्हारे मन में,
खाटू दौड्या आवा,
बैठके थारी ड्योढ़ी ऊपर,
सगली बात बातावा,
कद सी करोला म्हारे मन री,
इतना तो बतलाओ,
जैयां मैं आश्यां थारे दर,
म्हारे घर कदे आओ,
याद थारी आवें रे,
घणो ही सतावे रे।।
रोए जद सेवकिया थारी,
आख्यां भी भर आवे,
मोटे मोटे नैना से,
आंसूडा भी ढ़लकावे,
‘सोनू’ से थारी प्रीत सांवरिया,
विरला ही कोई जाने,
तेरो यो ‘सूर्यवंशी’ भी,
थाने सब कुछ माने,
याद थारी आवें रे,
घणो ही सतावे रे।।
वापस कईया आऊँ सांवरा,
जी ना लागे रे,
पंछी बण बण हिवड़ो म्हारो,
खाटू भागे रे,
म्हारे मन में उठे हिलोरे,
याद घणेरी आवे,
कईया छोड़ के जाऊं सांवरा,
मनड़ा कुण समझावे,
याद थारी आवे रे,
घणो ही सतावे रे।।
Singer – Prashant Suryavanshi