यारा करलो अब तैयारी,
हमें नाकोड़ा जाणा है,
नाकोड़ा के पार्श्व भैरव से,
प्रेम बढ़ाना है,
हो यारा करलो अब।।
हर चौदस को नाकोड़ा में,
हाजरी भरवाऊं,
पूनम के दिन पूजन करने,
लाइन में लग जाऊँ,
सेवा पुजा करके ही,
कर्मो को खपाणा है,
हो यारा कर लो अब।।
तू भी चलकर नाकोड़ा जी,
देखले मेरे यार,
बण जावेगों तू भी दीवानों,
ऐसो है दरबार,
मेवानगर इस दुनिया से,
लागे सुहाणा है,
हो यारा कर लो अब।।
बात मानकर यार की,
वो हुआ तैयार,
पार्श्व भैरव का नाम लेकर,
पहुँच गया दरबार,
‘दिलबर’ थारे द्वार से,
अब न वापस जाणा है,
नितिन आया जो भी द्वार,
हुआ वो दीवाना है,
पारिख भरत आया द्वार पे,
हुआ वो दीवाना है,
यारा कर लो अब।।
यारा करलो अब तैयारी,
हमें नाकोड़ा जाणा है,
नाकोड़ा के पार्श्व भैरव से,
प्रेम बढ़ाना है,
हो यारा करलो अब।।
गायक – नितिन जैन विजय नगर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365