ये डमरू वाले भोले का दरबार है,
लो मांग जिसको जो दरकार है,
ये डमरू वालें भोले का दरबार है,
ये डमरू वालें भोले का दरबार है।।
चाहे ले लो हीरे मोती,
चाहे चांदी सोना,
भर देंगे वो धन से तेरे,
घर का कोना कोना,
सबसे बड़ा इनका भंडार है,
ये डमरू वालें भोले का दरबार है,
ये डमरू वालें भोले का दरबार है।।
ऐसे दानी दाता है मेरे,
शिव शंकर मतवाले,
कभी किसी को खाली,
हाथ नहीं वो टालें,
भक्तों को इनसे बड़ा प्यार है,
ये डमरू वालें भोले का दरबार है,
ये डमरू वालें भोले का दरबार है।।
अजर अमर अविनाशी,
शंकर भक्तो के रखवाले,
बाँट के अमृत सारे जगको ,
आप जहर पि डाले,
जपता आपको सारा संसार है,
ये डमरू वालें भोले का दरबार है,
ये डमरू वालें भोले का दरबार है।।
बलिहारी तेरी चौखट पे,
तन मन अपना वारूँ,
भोले की पूजा करके मैं,
जीवन अपना सवारूँ,
अपने भक्तो तुमने दिया प्यार है,
ये डमरू वालें भोले का दरबार है,
ये डमरू वालें भोले का दरबार है।।
ये डमरू वाले भोले का दरबार है,
लो मांग जिसको जो दरकार है,
ये डमरू वालें भोले का दरबार है,
ये डमरू वालें भोले का दरबार है।।
स्वर – श्री लखबीर सिंह लख्खा जी।
प्रेषक – आकाशवी गगनेजा
9760003326
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https://youtu.be/uanyA-Tv19k