ये हमने सुना है तू भगवन,
भक्तो को उबारा करता है,
मजधार में अटके लोगों को,
उस पार उतारा करता है।।
तर्ज – जिस भजन में राम का।
कई जन्मों से में भटक रहा,
इस जन्म मरण के बन्धन में,
जब बारी मेरी आई तो,
क्यूँ मुझसे कीनारा करता है,
ये हमने सुना हैं तू भगवन,
भक्तो को उबारा करता है।।
भटकों को राह बताता है,
अटको को पार लगाता है,
तू बांह पकड़ता है जो,
इस जीवन से हारा करता,
ये हमने सुना हैं तू भगवन,
भक्तो को उबारा करता है।।
ये हमने सुना है तू भगवन,
भक्तो को उबारा करता है,
मजधार में अटके लोगों को,
उस पार उतारा करता है।।
गीतकार/गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
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