ये ज्योत मेरी मैया की,
मर्जी से जगती है,
इस ज्योत को नमन करो,
इसमें बड़ी शक्ति है।।
जब तक ना हुकुम होवै,
ये ज्योत नही जगती,
जब तक ना कृपा होवै,
ये लगन नही लगती,
ये अखण्ड-ज्योत भग्तों का,
उद्धार करती है,
इस ज्योत को नमन करो,
इसमें बड़ी शक्ति है।।
ये ज्योत जो जगती है,
तो भाग्य बदलती है,
ये ज्योत असम्भव को,
सम्भव कर सकती है,
इस ज्योत रूप में ही तो,
सब शक्तियां रहती है,
इस ज्योत को नमन करो,
इसमें बड़ी शक्ति है।।
तेरे अला बला जो भी,
सर पे मंडराती है,
इस ज्योत की लपटों में,
स्वाहा हो जाती है,
टूणा-टोटका बुरी नजरें,
इस ज्योत से डरती है,
इस ज्योत को नमन करो,
इसमें बड़ी शक्ति है।।
तेरी ज्योत का उजियारा,
इस घर में सदा रखना,
और हंसता खेलता ये,
परिवार सदा रखना,
‘अम्बरीष’ कहे ये ज्योति,
किस्मत से मिलती है,
इस ज्योत को नमन करो,
इसमें बड़ी शक्ति है।।
ये ज्योत मेरी मैया की,
मर्जी से जगती है,
इस ज्योत को नमन करो,
इसमें बड़ी शक्ति है।।
Lyrics – Ambrish Kumar Mumbai
9327754497
Singer – Sudarshan Kumar