ये माना की माँ की है,
ममता महान,
नहीं कुछ बिना बाप के।
दोहा – पिता ब्रम्हा पिता विष्णु,
पिता भगवान दुनिया में,
पिता जैसा नहीं दूजा,
दयावान दुनिया में,
पिता से ही होती है,
पहचान दुनिया में,
पिता से ही होता है,
कल्याण दुनिया में।
ये माना की माँ की है,
ममता महान,
नहीं कुछ बिना बाप के,
नहीं कुछ बिना बाप के।।
तर्ज – ज़माने के देखे है रंग।
माँ है स्वर्ग तो,
पिता स्वर्ग सुख है,
पिता स्वर्ग सुख से ही,
बेटे का मुख है,
ना माता कुमाता,
लई मैंने जान,
नहीं कुछ बिना बाप के,
नहीं कुछ बिना बाप के।।
माँ लोरी सुनाए,
सूखे सुलाए,
पकड़ ऊँगली पापा,
चलना सिखाए,
पिता का करो तुम,
सदा ही सम्मान,
नहीं कुछ बिना बाप के,
नहीं कुछ बिना बाप के।।
‘लक्ष्मण’ बड़ाई,
लिखी है पिता की,
माँ से भी बढ़कर,
है महिमा पिता की,
‘विक्की’ है तेरी,
पिता से पहचान,
नहीं कुछ बिना बाप के,
नहीं कुछ बिना बाप के।।
ये माना की मां की है,
ममता महान,
नहीं कुछ बिना बाप के,
नहीं कुछ बिना बाप के।।
Singer – Vicky Chaudhary