ये प्रीत तुमसे है लागी,
ओ मेरे बाबोसा भगवन,
तेरे चरणों में ही ये अर्पण,
कर दिया है अब ये जीवन,
मेरे दिल ने यही पुकारा,
मेरे दिल ने यही पुकारा,
कब होंगे तेरे दर्शन,
ये प्रीत तुमसे हैं लागी,
ओ मेरे बाबोसा भगवन।।
तर्ज – ये मोह मोह के धागे।
मैं नही तेरे काबिल,
मुझे अपना तू बना,
कहाँ अब जाँऊ बता,
अब जाँऊ बता तेरे बिन,
मैं नही तेरे काबिल,
मुझे अपना तू बना,
दाता तू मेरा,
याचक मैं बाबा हूँ तेरा,
मुझको तो दे दो अब शरण,
ये प्रीत तुमसे हैं लागी,
ओ मेरे बाबोसा भगवन।।
की अब तो तू आकर के,
बाँहे थाम ले,
हर घड़ी ये दिल मेरा,
बस तेरा ही नाम ले,
की अब तू आकर के,
बाँहे थाम ले,
क्या मेरी खता,
बाबोसा इतना तू बता,
‘दिलबर’ के दाता हो कहाँ,
ये प्रीत तुमसे हैं लागी,
ओ मेरे बाबोसा भगवन।।
ये प्रीत तुमसे है लागी,
ओ मेरे बाबोसा भगवन,
तेरे चरणों में ही ये अर्पण,
कर दिया है अब ये जीवन,
मेरे दिल ने यही पुकारा,
मेरे दिल ने यही पुकारा,
कब होंगे तेरे दर्शन,
ये प्रीत तुमसे हैं लागी,
ओ मेरे बाबोसा भगवन।।
गायिका – दिव्यांशी बाम्बीवाल।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन, म.प्र. 9907023365