ये श्याम का जादू है,
सर चढ़कर बोलेगा।।
तर्ज – ये इश्क़ का जादू है।
भगत तू मत जइयो,
मत जइयो,
मत जइयो दरबार,
वहां पर बैठा है बैठा है,
जादूगर सरकार,
तू बन के बावरा जीवन भर,
खाटु में डोलेगा,
ये श्याम का जादू है,
सर चढ़कर बोलेगा।।
पहले पहले ये प्यार से मिलता,
जैसे अपने ये यार से मिलता,
धीरे धीरे ये रंग बदलता है,
बड़ी मुश्किल से आँखे चार करता,
ये आगे आगे और,
तू पीछे पीछे डोलेगा,
ये श्याम का जादू हैं,
सर चढ़कर बोलेगा।।
श्याम से आँख तेरी लड़ जाए,
मुसीबत में उसी दिन पड़ जाए,
दीवाना ऐसा करके छोड़ेगा,
लौट के वापस ना तू घर आए,
प्रेम के बंधन में बांधेगा,
कैसे खोलेगा,
ये श्याम का जादू हैं,
सर चढ़कर बोलेगा।।
नहीं वाकिफ है तू इरादे से,
अभी अँधा है तू मोहब्बत में,
नहीं समझेगा तू समझाने से,
जीवन भर तू गली गली में,
इसको टटोलेगा,
ये श्याम का जादू हैं,
सर चढ़कर बोलेगा।।
तू झूठी जिद है करता,
तू इसके जाल में फसता,
इसमें बनवारी बनवारी,
खोना ही खोना,
अंत में हाथ कुछ भी ना लगता,
जहर तू अपने जीवन में,
हाथों से घोलेगा,
ये श्याम का जादू हैं,
सर चढ़कर बोलेगा।।
भगत तू मत जइयो,
मत जइयो,
मत जइयो दरबार,
वहां पर बैठा है बैठा है,
जादूगर सरकार,
तू बन के बावरा जीवन भर,
खाटु में डोलेगा,
ये श्याम का जादू है,
सर चढ़कर बोलेगा।।