ये तन क्या है एक पिंजरा है,
इस पिंजरे में एक तोता है,
ये तोता जब उड़ जाएगा,
तो खाली पिंजरा रह जाएगा,
ये तन क्या हैं इक पिंजरा है,
इस पिंजरे में एक तोता है।।
तर्ज – वो क्या है एक मंदिर है।
दुनिया वालों,
दुनिया मुसाफिर खाना है,
जो आज आए है,
कल उन्हें वापस जाना है,
जग जोगी वाला फेरा है,
ना तेरा है ना मेरा है,
ये तन क्या हैं इक पिंजरा है,
इस पिंजरे में एक तोता है।।
जब तक इस,
तोते का यहाँ पर दाना है,
तब तक इस,
पिंजरे में जन्म बिताना है,
जब दाना ही मूक जाएगा,
तो खाली पिंजरा रह जाएगा,
ये तन क्या हैं इक पिंजरा है,
इस पिंजरे में एक तोता है।।
ये पिंजरा हुआ पुराना,
पंछी छोड़ चला,
कई जन्मों के,
रिश्ते नाते तोड़ चला,
जब पंछी ही उड़ जाएगा,
तो खाली पिंजरा रह जाएगा,
ये तन क्या हैं इक पिंजरा है,
इस पिंजरे में एक तोता है।।
ये तन क्या है एक पिंजरा है,
इस पिंजरे में एक तोता है,
ये तोता जब उड़ जाएगा,
तो खाली पिंजरा रह जाएगा,
ये तन क्या हैं इक पिंजरा है,
इस पिंजरे में एक तोता है।।
स्वर – व्यास जी मौर्य।